द फॉलोअप डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में देश भर के पत्रकारों को बड़ी राहत प्रदान की है। कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि अब किसी भी पत्रकार को राज्य सरकार या सरकार की आलोचना करने पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। यह आदेश पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने के साथ दिया गया। अभिषेक उपाध्याय ने उत्तर प्रदेश प्रशासन में नियुक्तियों में जातिगत पक्षपात पर एक्स पर एक पोस्ट लिखा था। इसके बाद उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एवीएन भट्टी की पीठ ने शुक्रवार को कहा है कि लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है और संविधान के अनुच्छेद 19(1)ए के तहत पत्रकारों के अधिकार संरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना के खिलाफ पत्रकार के लेखन पर आपराधिक मामला नहीं चलाया जाना चाहिए। संबंधित रिपोर्ट के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।
बता दें कि पत्रकार अभिषेक उपाध्याय के लेख के बाद उन्हें धमकियों और अबशब्दों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीनएस) की धारा 353, 197 (1) (सी) 302, 356 और आईटी एक्ट की धारा-66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। इसकी अगली सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी।